10 वर्षों से फरार चल रहा 50000 रु0 का इनामी नेत्रपाल पुत्र पानसिह गिरफ्तार…
अपर पुलिस महानिदेशक, रेलवे लखनऊ पीयूष आनंद, अपर पुलिस महानिदेशन एस.टी.एफ. अमिताभ यश के आदेशानुसार, पुलिस महानिरीक्षक रेलवे लखनऊ/प्रयागराज सत्येन्द्र कुमार सिहं के निर्देशानुसार एवं पुलिस अधीक्षक रेलवे, आगरा मो0 मुश्ताक के निर्देशन में वारण्टी, वांछित एवं इनामियाँ अपराधियों की गिरफ्तारी हेतु चलाये जा रहे अभियान के अंतर्गत पुलिस उपाधीक्षक रेलवे आगरा/इटावा, पुलिस उपाधीक्षक एस.टी.एफ. आगरा के पर्यवेक्षण में थानाध्यक्ष जीआरपी कासगंज एवं एस.टी.एफ. यूनिट आगरा की संयुक्त टीम द्वारा वर्ष 2012 से पुलिस अभिरक्षा से फरार चल रहे अभियुक्त नेत्रपाल पुत्र पानसिह (50,000 का इनामियाँ) को सर्विलाँस टीम एवं मुखविर की मदद से गिरफ्तार किया गया ।
नाम व पता इनामी अभियुक्त
नेत्रपाल सिह पुत्र पान सिह नि0 ग्राम लभेङा थाना अमृत पुर जिला फर्रूखाबाद ।
गिरफ्तारी का दिनांक व स्थान
दि. 03/03/2022, उमेश सिक्योरिटी एजेन्सी सी 41 सेक्टर 58 नोयडा ।
पंजीकृत अभियोग
1. मु0अ0सं0- 02/2022 धारा 420/467/468/471/472 भादवि थाना जीआरपी कासगंज
अभियोग जिसमें वाँछित था
1.मु0अ0सं0 104/12 धारा 222 /223/224/328 भादवि थाना जीआरपी कासगंज ।
2.अ0सं0 377/2007 धारा 302/324/504/506 भादवि थाना अमृतपुर जिला फर्रुखाबाद ।
पूछताछ विवरण
वाँछित/ इनामी अभियुक्त नेत्रपाल सिह ने पूछताछ में बताया कि साहब वर्ष 2007 में गाँव में आपसी झगडे में हुए मर्डर में मुझे सजा हुई और मुझे फतेहगढ कारागार में भेज दिया गया । मैं जेल से किसी भी तरह निकलना चाहता था। वर्ष 2012 में मैनें दिल की बीमारी का बहाना बनाया तो पुलिस वाले मुझे इलाज के लिए कैम्पिल हॉस्पीटल कानपुर नगर लेकर गये। वहाँ से मेडीकल स्टोर से दवा लेने के बहाने मैनें नशीला पदार्थ ले लिया । हॉस्पीटल से वापस जेल आते समय मैंनें पुलिस वालों को खाने में नशीला पदार्थ दे दिया और वे अचेत अवस्था में चले गये। मौका पाकर मैं पुलिस अभिरक्षा से फरार हो गया था।
फरार होने के बाद मैं सीधा दिल्ली गया और वहाँ से ट्रेन पकड कर मुम्बई पहुँच गया। मुम्बई पहुचने के बाद मुझे स्टोर कीपर की नौकरी मिल गयी। लगभग 04 वर्ष तक स्टोर कीपर की नौकरी करने बाद मैने अपने बच्चे शाहजहाँपुर में शिफ्ट कर दिये। इसके बाद मैं मुम्बई से वर्ष 2016 में दिल्ली आ गया। दिल्ली आने के बाद पुलिस से बचने एवं नई नौकरी पाने के लिए मैने अपने नाम नेत्रपाल के स्थान पर अजय एनपी सिह बदलवाकर सभी पहचान (आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, वोटर आईडी, राशन कार्ड) एवं शैक्षणिक दस्तावेज (हाई स्कूल मार्कशीट) फर्जी तैयार कराये साथ ही एक्स आर्मी-मेन का फर्जी प्रमाण-पत्र भी तैयार करा लिया। एक्स आर्मी मेन का प्रमाण पत्र मैने इसीलिए तैयार कराया था क्योंकि सिक्योरिटी कंपनियों में एक्स आर्मी मेन को प्राथमिकता के आधार पर नौकरी मिल जाती है। मैं इन सभी फर्जी दस्तावेजों की मदद से दिल्ली मे कई सिक्योरिटी एजेन्सियों में बदल -बदलकर नौकरी करता रहा। यही कारण था कि मैं अब तक पुलिस के शिकंजे से बचता रहा। वर्तमान में मैं अपने फर्जी नाम अजय एनपी सिह पुत्र पान सिह नि0 624/8 एकता विहार जैतपुर विस्तार, बदरपुर दक्षिण, दिल्ली-110044 से उमेश सिक्योरिटी एजेन्सी सी-41 सेक्टर 58 नोयङा में आपरेशन हेङ एन्ङ ट्रेनिंग के पद पर काम कर रहा था। मुझे लगने लगा था कि मुझे फरार हुए 10 वर्ष हो चुके हैं मैने अपना नाम भी बदल लिया है इसलिए पुलिस अब मुझे गिरफ्तार नहीं कर सकेगी । मैं अब निडर होकर यूपी में ही नौकरी करने लगा था लेकिन फिर भी पुलिस ने मुझे पकड लिया।
आपराधिक इतिहास अभियुक्त – नेत्रपाल पुत्र पान सिह उपरोक्त
1. अ0सं0 377/2007 धारा 302/324/504/506 भादवि थाना अमृतपुर जिला फर्रुखाबाद
2. मु0अ0स0 104/12 धारा 222/223/224/328 भादवि थाना जीआरपी कासगंज
गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम
1. पुलिस उपाधीक्षक उदय प्रताप सिह एसटीएफ यूनिट आगरा
2. उ0नि0 अमित गोस्वामी एसटीएफ यूनिट आगरा
3. उ0नि0 धर्मेन्द्र कुमार थानाध्यक्ष जीआरपी कासगंज
4. उ0नि0 विकास वघेल जीआरपी लाइन आगरा
5. का0 567 बृजमोहन सिह जीआरपी कासगंज
6. उ0नि0 धूम सिह एसटीएफ यूनिट आगरा
7. हे0का0 300 लोकेश कुमार –सर्विलान्स सेल
8. का0 923 कृष्णवीर सिह – सर्विलान्स सेल
9. हे0का0 दिनेश गौतम एसटीएफ यूनिट आगरा
10. हे0का0 सन्तोष कुमार, एसटीएफ यूनिट आगरा
11. का0 बल्देव सिह एसटीएफ यूनिट आगरा
12. का0 प्रशान्त चौहान एसटीएफ यूनिट आगरा